शब्दों में छिपा,
अनगिनत संसार,
कभी खुशियों की धुन,
तो
कभी दर्द का चित्कार।
जैसे मोती,
बिखरे भावों के धार,
बुनते हैं सपने,
देते हैं आकार।
शब्दों की छाया में,
दिल को सुकून,
जादू से भर दें,
हर सूना जून।
गूंजते हैं ये,
सन्नाटे के पार,
शब्दों का जादू,
अद्भुत और अपार।
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