स्वतंत्रता दिवस भाषण

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, सभी अध्यापकगण, और मेरे प्यारे साथियों,

आज हम सभी यहाँ अपने राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस को मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। यह वह दिन है जब 15 अगस्त 1947 को हमारे देश ने लम्बी गुलामी से मुक्ति पाई थी।

हमारे वीर सपूतों ने अपने खून और जान की कीमत पर हमें आज़ादी दिलाई। उन्होंने जेलों की कठिन यातनाएँ सही, अपने परिवार का सुख त्यागा, और हँसते-हँसते फाँसी के फंदे पर झूल गए।
अगर वे बलिदान न देते, तो शायद आज हम स्वतंत्र भारत में साँस न ले पाते।

लेकिन साथियों, क्या आजादी सिर्फ झंडा फहराने और परेड करने का नाम है?
नहीं, असली आजादी तब है जब हर नागरिक शिक्षित हो, सुरक्षित हो और अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझे।

आज, भले ही हम अंग्रेज़ों से आज़ाद हैं, लेकिन कई समस्याओं से हमें अभी भी मुक्ति पाना है — जैसे गरीबी, प्रदूषण, अज्ञानता और सामाजिक भेदभाव।
अगर हमें सच्चा स्वतंत्र भारत बनाना है, तो हमें इन समस्याओं को खत्म करना होगा।

हम बच्चे ही आने वाले समय के नेता, वैज्ञानिक, डॉक्टर और सैनिक बनेंगे।
इसलिए हमें अभी से मेहनत, ईमानदारी और देशभक्ति को अपनाना होगा।

आइए, हम सब मिलकर यह प्रतिज्ञा लें —
हम अपने देश का नाम रोशन करेंगे, और इसे ऐसा भारत बनाएँगे, जिस पर हर भारतीय को गर्व हो।

जय हिंद! भारत माता की जय!

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