शब्दो का जादू /अश्विनी विलास पारासकर

ये शब्दो की धार किसी को दुवा तो किसिको कटार लगती हैं,
किसी को कडवी तो कीसी को मिठी लगति हैं.....

हम यु ही बोल देते हैं हर किसी को दिल की बात,
वो किसी को सही तो किसी को गलत लगतीं हैं....

पलभर में अपना बना लेते हैं,
पल में पराया भी कर देते हैं,
ये शब्दो का जादू हैं....
ये हर किसी के दिल को चिर देता हैं....

मिठे बोल जो सूने शब्द के,
पल में कडवाहट सब मिट जाये,
कडवे बोल जो बोल दे एक पल,
अच्छाई सब खाक हो जाए....

छूट गये कितने दोस्त यार,
लूट गये कितने घर-बार,
जहर के बराबर लगती हैं कभी,
कडवे शब्द की धार....

मीठे बोल का जादू देखो,
कडवाहट को भुलणा सिखो,
गैरो को भी अपना बना दे,
ऐसे शब्दो को जुबान पर रखो....

महाराष्ट्र 
Ashvini vilas paraskar 
Ta Shegaon ji buldhana (pahurjira)

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