होती है समाज की नींव कहते हैं उसे घर-परिवार,
दादा-दादी देते हैं जहां हमे पीढ़ियों की सीख,
पिताजी के संघर्षों से होते हैं हर काम ठीक,
माँ के लालन पालन से मिलती है भविष्य की दिशा,
बहन के साथ पूरी होती है बालपन की हर इच्छा,
सुख हो चाहे दुःख मिलकर होते हैं सब भागीदार,
इंसान का सुकून और जरूरत है उसका एक परिवार।
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