ईरादा/दिपा वानखेडे

इतनी धूप में
 कैसी रह पाऊ
छाँव में थड़क 
कैसी ला पाऊ

अपने सपनों को 
कितना चाहती हूँ मै
इस ब्रम्हांड को 
अपना इरादा बताऊ 

सच होते है सपने 
अपने दम पर 
परिश्रम की डोर
 से आशियाना सजाऊ

हौसलें बूलंद होते है 
निडर होके जिते है
कज़ा की लकिरों पे 
जैसे अपना नाम ले आऊ

ह़स़रते दिलों की उड़ान 
ज़मि सें आसमाँ होती है
ईरादों से ही मंझिल आसान 
सातों जगह ला पाऊ

सोच ही बनाती है सोच
 ही बिगाड़ देती है
सोचो तो ऐसा कि दुनिया 
सोचे तूम जैसा बन जाऊ

ईक अलग अदांज ईक 
अलग शक्ती हो मुझमे एैसी
सकारात्मक का संचार और 
प्रचार दूनिया में कर पाऊ

जि उठे लोग जीने की
 तमन्ना मुझसे हो शूरु 
यही ईरादा यही सफलता 
मै हासिल कर पाऊ 

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