सपनो की उड़ान/नैना त्यागी

सपनों को आसमान दे, अपनी उड़ान को पहचान दे,
रुकी हुई हर सांस को, एक नई सी जान दे।
जो ख्वाब तेरी आंखों ने सजाए हैं, उन्हें हकीकत बना दे,
हर मुश्किल को जीत सके, ऐसा हौसला अपने अंदर जगा दे।

मत सोच कि राहें तेरे लिए आसान होंगी,
हर कदम पर नई चुनौतियां और परेशानियां बेशुमार होंगी।
पर याद रख, तेरे सपनों का यह आसमान होगा,
तुझसे ही है, तेरे हौसलों की पहचान होगी।

तेरे हौसले से चमकेंगे अंधेरों के छोर,
हर कदम पर सजेगी नई रोशनी की डोर।
सपनों का यह सफर तुझसे ही पहचाना जाएगा,
और आसमान तेरा हर उड़ान पर इतराएगा।

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