तुम अड़े रहो तुम डटे रहो
अभी दूर तक जाना है।
सफर का आनंद लेते-लेते
तुम्हें मंजिल को पाना है।।
माना तुम लगे हुए हो अपने अथक प्रयासों से।
मगर कोई नहीं देखेगा तुम लड़े हो कितनी रातों से।।
दुनिया बस वही देखेगी जो तुम्हें उनको दिखाना है।
मेहनत का ये दौर नहीं परिणामों का जमाना है।।
असफल होकर बैठोगे जब तुम घर के कोने में।
कोई साथ नहीं आएगा तुम्हारे अकेले होने में।।
लेकिन जब सफलता तुम्हारे कदमों को चूमेगी।
ये दुनिया दीवानों की तरह तुम्हारे पीछे घूमेगी।।
मत सोचो उनके बारे में जो तुम्हारे खिलाफ हैं।
तुम मस्त रहो उन लोगों में जो सिर्फ तुम्हारे साथ हैं।।
अब नहीं होगा मुझे यह ख्याल भी मन में ना लाना।
अकेले यहांँ तक आए हो तो आगे भी जरूर जाना।।
तुमने किया है तुम कर लोगे तुम सब कुछ कर सकते हो।
पंख फैला कर अपने तुम आकाश में उड़ सकते हो।।
तो बस मन में दृढ़ निश्चय बनाकर आगे बढ़ते जाना है ।
तुम्हें अपने नाम से स्वर्णिम इतिहास बनाना है।।
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