जहाँ उड़ सके हर पंख बिना कोई हलचल।
हर दिल में हो ज्वाला, हर आँख में हो आस,
निर्माण करें ऐसा, जो बदले हर इक इतिहास।
बंजर ज़मीं पर फूल खिलाएं,
अंधेरों में दीप जलाएं।
संघर्ष की हर लहर को पार करें,
अपने सपनों का संसार करें।
जहाँ हो हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार,
जहाँ ना हो भेदभाव, ना कोई दीवार।
जहाँ मेहनत से मिलती हो पहचान,
और हर इंसान कहे—यह है मेरा जहान।
नई दिशाएं खोजें, नए रास्ते बनाएं,
हर चुनौती को अपने हौसले से हराएं।
निर्माण करें ऐसे, जो पीढ़ियों तक टिके,
हर सपने को हकीकत की ज़मीन पर लिखे।
चलो सजाएं वो सपने, जो सबके हों साथ,
जहाँ हर कोई कहे—यह है मेरी बात।
निर्माण करें ऐसा, जो रोशन करे जहां,
नए सपनों का हो यह गान।
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