निर्माण/पिंकी देवांगन

आओ फिर एक बार 
राष्ट्र का निर्माण करें 
जिसमें कोई रंग ,
रूप का भेद ना हो
जिसमें किसी जाति ,
धर्म का राज ना हो 
जहां न्याय व्यवस्था हो ,
ऐसी लगे सबको आसान 
आओ फिर एक बार 
राष्ट्र का निर्माण करें .....!! 


"वसुदेव कुटुंबकम" को
फिर से एक बार परिभाषित करें 
आज खो रही इंसानियत को पुनः
सभी इंसानों में फिर से जीवित करें
गांव हो या शहर आओ 
सभी जगह का विकास करें 
भोजन, शिक्षा, रोजगार मिले 
सभी को कुछ ऐसा काम करें 
आओ फिर एक बार 
राष्ट्र का निर्माण करें .....!! 


हर जगह, हर बेटी रहे सुरक्षित
 एक ऐसा समाज बनाएं 
सभी मिलकर बन जाएं "हम " ऐसे 
सशक्त भारत का निर्माण करें 
घर के जो भी हो बड़े सदस्य, 
उनका न कभी तिरस्कार करे
छोटो को भी मिले प्यार सदैव 
इस बात का हमेंशा ध्यान रखें 
आओ फिर एक बार 
राष्ट्र का निर्माण करें .....!! 

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