लगने ना दे जो कष्टों की धूप,
वो छत नहीं पिता का साया है..
चुभने ना दे जो कांटा कोई,
माँ ने वो ममता का आंचल बिछाया है..
हर पल पल में झगड़ा, हर पल में टकरार है,,
रह भी ना पाए एक दूजे बिना, यही तो भाई बहन का पयार है..
सुख में साथ मुसकरा ते,, दुख मे सब उदास हो जाते,, यही घर संसार है,,
एक दूजे के लिए जीते जहाँ इसी का नाम परिवार है.. .
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