शीत लहरों का मौसम चारों तरफ छाया।
धीरे धीरे शरीर कप उठने लगे लोगो के,
जब से यह मौसम चारों तरफ छाया।
गर्म गर्म कपड़ों ने शरीर में राहत लाई,
जिसे हर कोई धीरे धीरे आजमाया ।
यह हवाओ का एक बड़ा सा झोंका आया,
शीत लहरों का मौसम चारों तरफ छाया।
पेड़ो की डालियों ने भी शोर है मचाया,
जब से यह मौसम चारों तरफ छाया।
धीरे धीरे सभी में परिवर्तन दिखाई देने लगा,
राह में चलने वाले अपने घरों में रहने लगा।
धीरे धीरे हर किसी के जान पर आफत आई,
हर किसी ने ओढ़ ली कंबल और रजाई।
जब जब होने लगा एहसास शीत लहरों का,
हर कोई धूप सेखने घर से बाहर निकलने लगा।
घरों के अंदर रहना मुश्किल सा होने लगा,
हर कोई अपना शरीर धीरे धीरे तापने लगा।
यह हवाओ का एक बड़ा सा झोंका आया,
शीत लहरों का मौसम चारों तरफ छाया।
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