नयी सुबह/रामराज बालाच

चल उठ मानस के राज हंस यह नयी सुबह आयी है
नयी उमंग नये जज्बात लेकर आयी है......!

कर तु नयी शुरुआत
यह सुबह नयी आयी है
कुछ खास,कुछ बेमिसाल
कुछ यह पल नये ले आयी है

मत कोस उन पुरानी गलतियों को अब कुछ नया सिखाने आयी है
हमे इस दुनिया की हकिकत बताने आयी है........!

कुछ खिलखिलाती,कुछ मुस्कराती,कुछ अरमान लिये आयी है,नये जीवन की नयी सुबह आयी है.....

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