यादों के अलाव/ श्वेता पाण्डेय (खुश्बू)

हौले हौले ही सही 
कुछ एहसास पल रहे हैं,
तेरे साथ जो बिताए 
वो ज़ज्बात पल रहे है।

मौसम है ठण्डा-ठण्डा
और सर्द हैं रातें,
कुछ गर्माहट लाने को,
हसीं यादों के अलाव जल रहे है।।

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