हौसला /क़मर शेख

दिल के किसी कोने में काई दर्द छुपाये होते हैं,सुना है जो ज्यादा मुस्कुराते हैं वह दुनिया के सताए होते हैं ...
भूल अपना दुख जो औरों को खुश करने चल पड़ते हैं, सफर में उनके दशवारियों ने काई पत्थर अटके होते हैं,,
 जो ना थके ,ना हारे , ना 
 रुक और साथ ना हो कोई हमसफर भी,
 हर दुश्वारी मिटे और मिलेग़ा मुश्किलों का हल भी, 
फर्ज जो अपना निभाए और सफाल्टा  की तरफ बढ़ गए,
चले अपनी डगर जो, कटेगा रास्ता और मिलेगी मंजिल भी,...
 सफलता यु उनके कदम चुमे और जीत का होगा सेहरा सर पर, 
पहुंचा ही देती है कोशिशें फिर उनको उंचे  शिखर पर ,
नेक नियत और सख्त मेहनत रायगा नहीं जाती है ,
बढ़ता ही चल ,ना रुक, मिलेगी तुझको भी मंजिल कमर.....
हर उसे ठोकर ने सफलता की गुहार लगाई ,
छोड़ हर सुख की चिंता, श्रम कर जीवन में दौड़ लगाई ,
मिलेग़ा सब कुछ जो सोचा है यही सोच कर हर दिन ,
सपनों को पूरा करने की धुन में काई रातों की  नींद गवाई,

Post a Comment

0 Comments