माँ और बाबा /स्वाति श्रीवास्तव

आँधी आए तूफ़ाँ आए,हो तेज़ धूप बरसात रहे।
अपने साए में ले समेट,घर की छत सब चुपचाप सहे।
इक उसके होने से ही,महफ़ूज़ है घर का हर कोना ।
कुछ ऐसा ही होता है घर में, माँ और बाबा का होना।

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