सवाल/उद्धव खंडेलवाल

उलझन में हूँ आजकल 
      क्या तुम मेरी पहेली सुलझा पाओगे?
      सवाल बहुत कड़वे है मेरे
      जवाब क्या तुम दे पाओगे?
       मैं पूछता रहूंगा तुम सुन भी न पाओगे,
       सवाल बहुत कड़वे है मेरे
       जवाब क्या तुम दे पाओगे ?
        तुमने किया है जो गुनाह
        उसे कब तक छुपा पाओगे ?
        सवाल है उस रूह का, जिस से तुम नज़र भी ना मिला पाओगे।
        किसी की रूह को तड़पाया है तुमने, क्या तुम उन्हें जवाब दे पाओगे ?
        किसी की मुस्कान छीनी है,
        क्या उसे लौटा पाओगे ?
        सवाल बहुत कड़वे है मेरे,
        क्या तुम एक का भी जवाब पाओगे ?

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