अच्छे लोग/डॉ विभव सक्सेना

मैं देखता हूँ जब कुछ लोगों को, 
अपनी जिंदगी में खुश और मस्त...
तो अक्सर सोचता हूँ कि क्यों करूँ?
अपनी जिंदगी से कोई भी शिकायत...

वो लोग जो कम पैसों में भी खुश हैं, 
वो जिन्हें महंगे कपड़ों की चाह नहीं, 
बिना मोबाइल भी व्यस्त रहते हैं जो, 
किसी की तरक्की से कोई जलन नहीं...

ऐसे लोग जो आज भी मेहमान को, 
भगवान का ही दर्जा दिया करते हैं,
जिन्हें प्यार के दो बोल बोलकर ही, 
मानो हर कोई अपना बना सकता है ....

आज की इस मतलबी दुनिया में भी,
ऐसे लोगों का होना वाकई बड़ी बात है, 
कोई उन्हें कुछ भी कहे या समझे मग़र, 
मेरी नजर में तो ऐसे लोग फरिश्ते ही हैं...!!

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