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मुकुंद शर्मा
गांव/मुकुंद शर्मा
गांव/मुकुंद शर्मा
Jasraj Bishnoi
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Thursday, January 09, 2025
जहां खेत लहराते हैं,
पंछी गीत सुनाते हैं,
जहां तितलियां मंडराती है,
जहां कालिया मुस्कुराती है,
जहां बादल जल बरसाते हैं,
तालाब कुछ-कुछ सुनाते हैं,
जानवर खेल दिखाते हैं,
बच्चे तालियां बजाते हैं,
जहां हर और वनों की छांव है,
यकीनन वह कोई गांव है
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