दोस्ती/डॉ विभव सक्सेना

किसी के लिए पुख्ता पहचान है दोस्ती,
किसी के लिए आन बान शान है दोस्ती।

निभाया जाए अगर दिल से इस रिश्ते को,
तो सचमुच दोस्तों के लिए जान है दोस्ती।

कुछ लोग खिलवाड़ करते हैं दोस्तों के साथ,
तो कुछ लोगों के लिए वाकई ईमान है दोस्ती।

मैंने देखा है अपनों को भी साथ छोड़ते मगर,
जो हर हाल में साथ दे वो भगवान है दोस्ती।

वो जो आपकी नाराजगी भी सह ले हंसकर,
जो जताया ना जाए ऐसा एहसान है दोस्ती।

लोग तो दूसरों को तकलीफ देकर खुश होते हैं,
मगर दोस्त की खुशी के लिए कुर्बान है दोस्ती।

कोई निभाता है तो कोई तोड़ देता है लेकिन,
रहता है सबके दिल में वो अरमान है दोस्ती।।

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