प्रदूषण/क़मर शेख

धुआं धुआं है हर और शहर में, गंद हैं फ़ैली चहू ऑर शहर में,
 सुख गए पत्ते पेड़ों पर, चली कुछ ऐसी हवा शहर में ,
गांव के वो खेतों की हरियाली ,पत्तों और फलो से भरी हर डाली,
कर हरियाली पेड़ों का नाश,
 मनुष्य ने कि अपने स्वास्थ्य से हाल एहवाली, बडबू , धुआँ, तेज ध्वनि और भी अनेक,
 गंदगी प्रदूषण प्लास्टिक आदि उसमें आए फेंक सृष्टि के किन-किन जीवों को गिंनवाये,
वायु ,जल ,मनुष्य प्रभावित हुआ हर एक

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