वृक्ष/महेश कुमार पटेल

जलचित्र पड़ा धरती पर 
धरती प्रस्फुटिक हो पड़ी 
बीज रूपी किनारा लिए 
धरती स्वयं से फट गई
पानी,पौरुष,खनिज समर्पण 
धरती बीज को प्रदान की 
सहसा बालक जैसे बीज 
यौवन जैसे उठ खड़ी 
रौशनी देकर किया सहारा
सूरज उस पर कृपा किया 
यौवन पौधा बढ़कर अब 
शाखाओं में फैल गया 
उम्र दराज समय से बढ़े 
नन्हे फूल प्रफुल्लित हुए 
सूरज की किरणों का आश्रय पाकर
फूल फल में बदल गए 
फल लगे अनेकानेक
बालक आए एक से एक 
कही पत्थर कही डाली पर
झूल के फल को तोड़ लिए 
खुशी बच्चों का देखकर
यौवन पौधा खुश हुआ 
सारे फल समर्पित कर
मुस्कुरा के हंस दिया
जलचित्र पड़ा धरती पर 
धरती प्रस्फुटिक हो उठा

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