अभी अभी तो मिले हो,
जरा ठहर कर निकलना,
कमजोर हैं दिल के दरवाजे,
संभलकर निकलना,
चंद लम्हों में मेरी
मोहब्बत कैसे समझोगे?
कभी मेरे साथ किसी
सफर पर निकलना।
मिट जायेंगे हमारे दर्मियां
जो भी फासले होंगे,
मोहब्बत की बारिश होगी,
सिर्फ हम, तुम और रास्ते होंगे।
चलते चलते शाम होगी
फिर तेरा इशारा होगा,
इश्क के दो पंछी होंगे
कितना हसीन नजारा होगा?
मैं डूबा रहूं तुझमें उम्रभर
यही मेरी ख्वाहिश होगी
तू ही मेरा दरिया होगा
तू ही मेरा किनारा होगा।
निकाल फेकूंगा तेरे दिल से
चुभे जो गमों के कांटे होंगे,
मोहब्बत की बारिश होगी
सिर्फ हम,तुम और रास्ते होंगे।
0 Comments