सर्द हवाओं में सिमटी भोर लिए
कोहरे के परदों में लिपटी धूप लिए
पत्तों से सरकती ओस की बूंदें लिए
हुआ आज ये नववर्ष का सूर्योदय...
कुछ नई उम्मीदें, नई आशाएँ लिए
हार में फिर जीत का विश्वास लिए
खट्टी मीठी यादों का ख़्याल लिए
हुआ आज ये नववर्ष का सूर्योदय...
गाँव के सिराहने धूप की रेखाएं लिए
खेतों में लहराती फसलें मुस्कान लिए
ठिठुरते फूल मे तितलियों के रंग लिए
हुआ आज ये नववर्ष का सूर्योदय...
आँखें फिर कोई नया ख़्वाब लिए
ये होंठ ग़मों में भी मुस्कान लिए
दिल किस्सों का नया आकार लिए
हुआ आज ये नववर्ष का सूर्योदय...
हरियाली में कोयल की आवाज़ लिए
आसमान में पतंगों का आगाज़ लिए
प्रयागराज में महाकुंभ का स्नान लिए
हुआ आज ये नववर्ष का सूर्योदय...
संघर्ष मे सफलता का भाव लिए
कड़ी धूप मे भी थोड़ी छाँव लिए
दुनिया मे कुछ और बदलाव लिए
हुआ आज ये नववर्ष का सूर्योदय...
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