देशभक्ति/महेश कुमार पटेल

रही धार इन तलवारों में ,
जो चलती हैं रणभूमि में।
चमक उठती वीरो से तेज,
जैसे अर्जुन,कृष्ण अनेक
देश भक्ति का नारा इनमें 
खून भी इनमें धारा जैसे 
रही धार इन तलवारों में ,
जो चलती हैं रणभूमि में।

शहीद होते निर्भिक हर रोज।। 
जैसे शेर की बीहड़ दौड़ 
करते हृदय देश के नाम ,
सजक समर्पण जीवन धाम 
वीरों के दीपक जलते हर शाम।
इन नौजवानों से सीखो इन वीरों से ,
जो प्राण छोड़ दिए शरीर से ।
रही धार इन तलवारों में ,
जो चलती हैं रणभूमि में।


इनकी अमर गाथा में सुनाऊं,
बिस्मिल,भगत,सुखदेव बन जाऊं।
समय, क्षण जुदा सब करती, 
विजय सदा, संघर्ष की होती। 
होता इन्हे अघात पीड़ा,
उठा लेते ये देश का बेड़ा।
रही धार इन तलवारों में ,
जो चलती हैं रणभूमि में।

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