कोमल हैं कामजोर नहीं तू,शक्ति हैं महाकाली/ पिंकी देवांगन

कोमल हैं कामजोर नहीं तू, शक्ति हैं महाकाली हैं, खोज कर अपने अस्तित्व की तू, 
बेवजह इस दुनिया में नहीं आई हैं....!!


बहन, बेटी, पत्नी, बनकर, करती समाज का कल्याण तू, तुझसे ही यह खुशहाल संसार बना,
तुझसे ही हर घर की नीव खड़ी हैं, अब समय आ गया हैं ,नारीशक्ति का ज्ञान तू करा उठा शस्त्र तू.. !! 


याद कर उस क्षण को तू बनकर राम कृष्ण की जननी , खुद को गौरवान्वित तूने किया ,
समाज और देश के खातिर , अपना सब कुछ लूटा दिया, खोज कर अपने अस्तित्व की बेवजह इस दुनिया में नहीं आई हैं....!!

सुंदर सृष्टि सृजन कर तूने अपना फर्ज निभाया  फिर तू क्यू उदास हैं, बहुत सह लिया तूने अब बन दुर्गा तू फिर तू सिंह सवारी कर त्रिसूल उठाकर दुष्टों का कर संघार तू, कोमल हैं कामजोर नहीं तू, शक्ति हैं महाकाली हैं...!! 


कोमल हैं कामजोर नहीं तू, शक्ति हैं महाकाली हैं, खोज कर अपने अस्तित्व की तू, 
बेवजह इस दुनिया में नहीं आई हैं....!!

Post a Comment

0 Comments