लड़का होना भी आसान नहीं होता/पिंकी देवांगन

माना सौभाग्य से बेटी जन्म लेती हैं,
बेटे दुआओं में मांगे जाते हैं,
पर जनाब जितना सोचते हैं लोग 
लड़का होना आसान नहीं होता हैं।
बचपन में पढ़ाई की चिंता तो 
जवानी में कमाई की चिंता ,
सताती हैं लेकर सारी जिम्मेदारियां 
ढोते गधे की भाति हैं।


परिवार से दूर रहकर जीते,
अनाथों की जैसी जिंदगी।
हर बार जिम्मेदारी का ,
अहसास कराया जाता हैं।
हम लड़के हैं जनाब ,
बार- बार ये बताया जाता हैं।
क्या कहें साहेब,
लड़का होना भी आसान नहीं होता।


हों अगर किसी से प्यार भी,
 दिल में रखते हैं उसे
जब मांगने जाते हाथ उसका ,
तो ये सुनाया जाता हैं,
बन पहले काबिल तू ,
फिर मांगना हाथ उसका 
क्या कहें जनाब हम बेरोजगार हैं,
 ये बताया जाता हैं।


होता हैं दर्द कभी तो,
 पी लेते हैं जाम - पर - जाम
एक तरफ प्यार होता,
तो दूजे परिवार का साथ 
चुनते प्यार का साथ तो,
तो परिवार छूट जाता हैं 
देते परिवार का साथ तो,
धोखेबाज कहलाता हैं। 


हम लड़के हैं जनाब ,
हर हाल में हमें ही कोशा जाता हैं।
क्या बताए आपको साहेब,
लड़का होना भी आसान नहीं होता
हो गई शादी अगर,
 तो बीवी परिवार में से,
एक को खोना पड़ता है
रोज- रोज आते की,
 भाति पिसाना पड़ता हैं। 
क्या बताए साहेब आपको,
लड़का होना भी आसान नहीं होता हैं।


बन पिता अगर ,
जिम्मेदारी का भार बढ़ता हैं,
अपनी ख्वाइश भूलकर ,
बच्चों के लिए जीना पड़ता हैं।
हो अगर दुख भी तो ,
मुस्कुराना पड़ता हैं,
लेकर जिम्मेदारी का भार,
आगे बढ़ना पड़ता हैं 


किसी भी हालत में ,
जिम्मेदारी कम नहीं होती 
टूट कर भी जीने का,
हुनर दिखाना पड़ता हैं 
जितना सोचते हैं लोग साहेब
उतनी लड़कों की जिंदगी भी 
आसान नहीं होती।
क्या बताए आपको साहेब,
लड़का होना भी आसान नहीं होता।

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