यादे/कवीता संग्रस कन्हेरीकर

गाने उस जमाने के ,
याद दिलाते है बचपन कि ।
सुर वो संगीत के ,
आवाज देते है अपनोंकि ।

हर एक गीत के साथ, 
जुड़ी है एक कहानी ।
घटी हुई कोई खास बात। 
ताउम्र यादों कि जुबानी ।

सुरीले शब्दों कि रागिनी, 
दिल के तारों को बजा देती है ।
आँखो कि चीलमन से सलोनी ,
भुले बीसरे चेहरे दिखा देती है । 

रहो किसी हाल में ।
मायने नही किसी जगह से ।
पहूँच जाते है सूरों में ।
जग में अलग से ।

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