ख़ुदा की कुछ ख़ुशबू, इन लबों में बसी, जब जुबां से निकलें, तो दिलों में असर हो। सजाना है इन्हें, बस ख़ामोशी से नहीं, चाहे दुआ हो, या तुझसे मुलाकात हो। लहजे में वो ख़ास बात हो जो महसूस हो, हर एक ज़ुबान में अब ताजमहल बने। रात की खामोशी में भी गूंजे हमारी तहरीरें, हर शब्द हो एक नज़्म, दिलों को सुकून दे। बातें तजुर्बे के साथ आती हैं, अकसर खामोशी भी बातें करती है। हमरे लफ़्ज़ों में वो रूमानी असर हो, जो बेमिट शोर में भी दिल को तसल्ली दे। बिहारी अन्दाज़, और उर्दू की अदाएं, शब्दों में वो नशा हो, जो कभी थमे ना। ग़ज़ल से नसीहत, कविता में उम्मीद, शब्दों क…
अब वक़्त की बेड़ियाँ टूटेंगी, संघर्ष की ज्वालाएँ छूटेंगी। लक्ष्य से जो भी टकराएगा, हर ठोकर की चिंगारी फूटेगी अब हार का कोई नाम नहीं, बस जीत की ही पहचान होगी। जो वक्त से पहले झुके नहीं, उन पैरों में ही उड़ान होगी। मैं वक्त की ज़ंजीरें तोड़ूंगा, संघर्ष के पर्वत को चीरूंगा। जो सोचे कि मुझको रोक सके, मैं उसकी भी तक़दीर लिखूंगा। अब खौफ से हाथ ना रुकेंगे, अब नाम से पहले “अहम” होगा। जहाँ तक नजर की हद जाएगी, हर शिखर पर मेरा ही कदम होगा। अब मंज़िल मुझे आवाज़ देगी, अब जीत मुझे सलाम करेगी। अब उड़ान मेरी आसमान होगी, अब दुनिया मेरी मिसाल करेगी।
धुंधली सी यादें, अब बस ख़्वाब बनकर रह गईं, जहाँ हसी खिलती थी अब बस वहा उदासी थहर गई। माँ की गोद, अब सिर्फ एक खालीपन है, बाबूजी का आशीर्वाद, अब सिर्फ एक ध्वनि है। भाई-बहन के खेल, अब बस तस्वीरों में कैद हैं, वो मस्ती भरे दिन, अब बस यादों में छिपे हैं। रिश्तों के धागे, टूट कर बिखर गए, दिल में दर्द का सागर, भर गया है। परिवार का शब्द, अब बस एक घाव है, जो हर पल, खुलकर रोता है। काश, समय को मोड़ सकूँ, और उन खोए हुए पलों को, वापस ला सकूँ।
घूंघट के पीछे छिपी, नज़रों की झिझक, मुस्कान में लिपटा है सपनों का शक। पिता के आँगन से दूर जा रही, एक बेटी है, जो नई दुनिया बसा रही। माँ के हाथों का स्पर्श, उसकी विदाई का सहारा, भाई की आंखों में छिपा, प्यार और इशारा। हर कदम में सजी है यादों की डोरी, विवाह के इस बंधन ने दिल की धड़कनें जोड़ी। सात फेरों की अग्नि में वचन दिए, हर मुश्किल में साथ रहेंगे, ऐसे रिश्ते लिए। वक्त बदलने को है मंगलसूत्र डलने को है दुल्हन की होठों पर चूप्पी है,बस सिंदूर लगने को है दूल्हे की आंखों में सपनों का संसार, दुल्हन की चुप्पी में छिपा है प्यार। दुल्हन की ये चुप्पी जान…
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